कांग्रेस में हाईकमान से अजय सिंह व अरुण यादव की मुलाकात से सक्रियता बढ़ी, उमंग सिंगार भी आलाकमान की नजर में अहम बने
मध्य प्रदेश में करीब डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिनके लिए भाजपा हो या कांग्रेस दोनों की ही तैयारियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए प्रयास कर रही है जिसके लिए प्रदेश
इस खबर को सुनें
मध्य प्रदेश में करीब डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिनके लिए भाजपा हो या कांग्रेस दोनों की ही तैयारियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए प्रयास कर रही है जिसके लिए प्रदेश में पार्टी के दूसरी लाइन के नेताओं की सक्रियता तेज हुई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव की दिल्ली यात्राएं हुई हैं तो हाईकमान की नजर में बने हुए प्रदेश के पूर्व मंत्री व विधायक उमंग सिंगार को गुजरात में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति अभी प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के ईर्दगिर्द घूमती रहती है। सरकार के गिरने के बाद दो साल से प्रदेश में कई नेता उपेक्षित से हो गए हैं जिनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव प्रमुख हैं। इसी तरह कई दिग्गज नेता पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, रामनिवास रावत, नरेंद्र नाहटा भी सक्रिय दिखाई नहीं दे रहे हैं तो नेता प्रतिपक्ष के मजबूत दावेदार माने जाते रहे विधायक डॉ. गोविंद सिंह भी उपेक्षित नेताओं की सूची में माने जा सकते हैं।
दिल्ली दौरे के बाद यादव सक्रिय हुए
दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अरुण यादव की पिछले दिनों मुलाकात के बाद सक्रियता बढ़ी है। यादव ने दिल्ली से लौटने के बाद यादव समाज के लिए सेना में अहीर रेजीमेंट बनाए जाने की मांग उठाई तो शनिवार को उन्होंने व्यापमं घोटाले को लेकर फिर आवाज उठाई है। आज वे आंदोलनत चयनित शिक्षकों से मुलाकात करने वाले हैं। वहीं, विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी से भेंट की थी।
उमंग सिंगार को हाईकमान ने दी जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस में दूसरी लाइन के एक अन्य नेता विधायक उमंग सिंगार पर पार्टी हाईकमान ने एकबार फिर भरोसा जताया है। सिंगार को पार्टी ने गुजरात कांग्रेस में प्रभारी सचिव बनाकर भेजा है। सिंगार पहले झारखंड के प्रभारी सचिव रहे थे और वहां विधानसभा चुनाव उनके प्रभारी सचिव के रूप में ही हुए थे। अब गुजरात में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले उन्हें वहां की जिम्मेदारी दी है। गौरतलब है कि उमंग सिंगार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के घोरविरोधी हैं। सिंगार मध्य प्रदेश में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं स्व. जमुना देवी के भतीजे हैं और वे उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।