उमंग सिंघार ने उठाई माँग: मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही का हो सीधा प्रसारण
भोपाल, अप्रैल 2025
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने हाल ही में विधानसभा की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट (सीधा प्रसारण) करने की पुरज़ोर माँग की है। उनका मानना है कि यह कदम न केवल लोकतंत्र को मजबूत करेगा, बल्कि जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा।
लोकतंत्र में पारदर्शिता की ज़रूरत
उमंग सिंघार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “देश की संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाता है, जिसे करोड़ों लोग देखते हैं। ऐसे में राज्य की विधानसभा, जो राज्य सरकार की नीति, कानून और योजनाओं का निर्धारण करती है, उसकी कार्यवाही को लोगों से छुपाकर रखना लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके निर्वाचित विधायक सदन में उनके मुद्दों को कैसे उठा रहे हैं और सरकार उनकी समस्याओं को किस गंभीरता से ले रही है।
तकनीकी युग में पारदर्शिता संभव
आज के डिजिटल युग में जहाँ एक क्लिक पर देश-दुनिया की जानकारी उपलब्ध है, ऐसे में विधानसभा कार्यवाही को लाइव दिखाना कोई असंभव कार्य नहीं है। कई राज्यों जैसे केरल, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में यह पहले से ही लागू है। इन उदाहरणों को देते हुए सिंघार ने कहा कि जब बाकी राज्य ऐसा कर सकते हैं, तो मध्य प्रदेश क्यों पीछे रहे?
उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को या तो विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा शुरू करनी चाहिए या फिर एक अलग चैनल/यूट्यूब प्लेटफॉर्म तैयार करना चाहिए, जहाँ आम नागरिक कार्यवाही को रीयल टाइम में देख सकें।
जनहित और जवाबदेही का सवाल
इस माँग के पीछे मुख्य उद्देश्य है कि लोग खुद देखें कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि क्या काम कर रहे हैं — वे कितनी बार सदन में उपस्थित रहते हैं, किन मुद्दों पर बोलते हैं, और किस तरह से राज्य की नीतियों को प्रभावित करते हैं। इससे जनता में राजनीतिक चेतना बढ़ेगी और राजनीतिक जवाबदेही भी तय होगी।
सिंघार का यह भी मानना है कि जब कार्यवाही लाइव होगी तो विधायक भी अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करेंगे। सदन के अंदर होने वाली बहसें, प्रश्नोत्तर, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, और विधायी चर्चाएं जनता के सामने आने से राजनीति का स्तर ऊपर उठेगा।
समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों का समर्थन
उमंग सिंघार की इस माँग को कई सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने समर्थन दिया है। उनका कहना है कि यह कदम जनता को सत्ता के अधिक करीब लाएगा और लोकतांत्रिक मूल्यों को और अधिक मजबूत करेगा।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रो. संजय मिश्रा के अनुसार, “लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब सत्ता पारदर्शी हो। कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट जनता को सच देखने का मौका देगा।”
सरकार की चुप्पी और आगे की राह
फिलहाल राज्य सरकार की ओर से इस माँग पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन विपक्ष की ओर से इस विषय को आगामी विधानसभा सत्र में जोर-शोर से उठाए जाने की संभावना है।
यदि यह माँग स्वीकार की जाती है, तो मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा जहाँ विधानसभा की कार्यवाही जनता के सामने सीधी और पारदर्शी रूप से प्रस्तुत की जाती है।
निष्कर्ष:
उमंग सिंघार की यह पहल न केवल एक राजनीतिक माँग है, बल्कि एक समय की माँग भी है। लोकतंत्र में जनता को जानकारी देना कोई अहसान नहीं, बल्कि उनका अधिकार है। अगर यह माँग पूरी होती है, तो यह मध्य प्रदेश में एक नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत साबित हो सकती है।