आदिवासी समाज की आवाज़: मेरा जीवन, मेरी प्रतिबद्धता— उमंग सिंघार Adivasi Neta Mp and India
प्रिय साथियों,
यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे अपने समाज, अपने प्रदेश और देश के आदिवासी समुदाय की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ है। एक आदिवासी नेता(Adivasi Neta) के रूप में, मैं उन सभी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूँ, जो जल, जंगल, जमीन और जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। मुझे गर्व है कि मैं उस माटी से हूँ, जहाँ आदिवासी संस्कृति की खुशबू बिखरती है, और उन जंगलों से हूँ, जहाँ हमारे पुरखों की परंपराएँ और संघर्ष जीवित हैं। मेरा जीवन एक यात्रा है — जल, जंगल, जमीन और जनता के अधिकारों की पुनर्स्थापना की।
मेरी जड़ें, मेरी प्रेरणा
मेरा जन्म 23 जनवरी 1974 को मध्यप्रदेश के धार जिले में हुआ। मेरे पिता स्व. श्री दयाराम सिंघार और माता श्रीमती शकुंतला सिंघार ने मुझे बचपन से ही समाजसेवा और संघर्ष की सीख दी। मेरा राजनीतिक संस्कार मेरे परिवार से जुड़ा है — वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्य की पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. श्रीमती जमुना देवी जी मेरी बुआ थीं। उनकी प्रेरणा से मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़कर राजनीति के क्षेत्र में सेवा का मार्ग चुना।
मैंने एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की, लेकिन मेरे मन में हमेशा यह संकल्प रहा कि मैं अपनी शिक्षा और अनुभव का उपयोग समाज के वंचित और आदिवासी समुदाय के लिए करूँगा। एक आदिवासी नेता (मध्यप्रदेश) के रूप में, मेरी जड़ें मेरे समाज की मिट्टी में गहरी हैं।
राजनीति मेरे लिए जनसेवा का माध्यम है
मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ सक्रिय राजनीति की शुरुआत की। 2003 से आज तक मुझे धार जिले की गंधवानी विधानसभा सीट से पांच बार विधायक चुने जाने का सौभाग्य मिला। यह जनता का मुझ पर अटूट विश्वास और मेरे प्रति प्रेम का प्रतीक है।
जनसेवा की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियाँ
- 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में लगातार विधायक निर्वाचित
- 2019 में कमलनाथ सरकार में वन मंत्री (Forest Minister) के रूप में कार्य
- वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष
वन मंत्री के रूप में मैंने वन अधिकार अधिनियम, वन भूमि पट्टे, पर्यावरण संरक्षण और जल-जंगल-जमीन के अधिकारों पर केंद्रित नीतियों के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह मेरे लिए केवल एक पद नहीं था, बल्कि समाज के उन हज़ारों आदिवासी भाइयों-बहनों की उम्मीदों का उत्तरदायित्व था, जो सदियों से अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं।
मेरी प्रतिबद्धता: आदिवासी समाज का सशक्तिकरण
एक आदिवासी नेता(Adivasi Neta India) के रूप में, मेरी राजनीतिक यात्रा का मूल उद्देश्य हमेशा आदिवासी समाज का विकास, सम्मान और अधिकारों की रक्षा रहा है। मैंने मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के माध्यम से निम्नलिखित विषयों पर निरंतर कार्य किया है:
- जल-जंगल-जमीन के अधिकारों का संरक्षण
- शिक्षा और रोजगार के अवसरों का विस्तार
- भारत सरकार की आदिवासी योजनाओं का क्रियान्वयन और निगरानी
- आदिवासी भूमि अधिग्रहण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जनहित में आवाज़ बुलंद करना
राष्ट्रीय स्तर पर मेरी भूमिका
मेरी आवाज़ न केवल मध्यप्रदेश तक सीमित रही है, बल्कि देशभर के आदिवासी समुदाय की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व भी करती है। एक आदिवासी नेता(Adivasi Neta Mp and India) के रूप में, मैंने कई बार राष्ट्रीय मंचों पर आदिवासी समाज के मुद्दों को मजबूती से रखा और कांग्रेस पार्टी में आदिवासी नेतृत्व को सशक्त बनाने का निरंतर प्रयास किया है।
मेरा दृष्टिकोण: सशक्त आदिवासी समाज — सशक्त भारत
मैं यह दृढ़ता से मानता हूँ कि जब आदिवासी समाज सशक्त होगा, तभी भारत वास्तव में समावेशी और समृद्ध राष्ट्र बनेगा। मेरी राजनीतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत प्रतिबद्धता इसी विचारधारा पर आधारित है। आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो यह संतोष होता है कि मैं अपने समाज के लिए कुछ सकारात्मक योगदान दे पाया हूँ। आगे भी मेरी हर सांस, हर प्रयास इस दिशा में समर्पित रहेगा।
एक आग्रह
आप सभी साथियों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि इस यात्रा में अपना सहयोग, मार्गदर्शन और समर्थन निरंतर बनाए रखें। हम मिलकर एक ऐसा समाज बनाएँ, जहाँ हर आदिवासी को सम्मान, अधिकार और अवसर मिले।