Lord Hanuman Was Tribal Says Congress Mla Umang Singhar In Madhya Pradesh
कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश में बजरंगबली की एंट्री! कांग्रेस विधायक बोले- हनुमान जी आदिवासी थे, कहानीकारों ने भ्रमित किया
Lord Hanuman: कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने कहा कि हनुमान जी आदिवासी थे।कहानीकारों ने भ्रमित किया।
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन उससे पहले नेताओं के बयानों से राज्य का सियासी पारा चढ़ने लगा है। इसी बीच कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में भी बजरंगबली की एंट्री हो चुकी है। कांग्रेस विधायक और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे उमंग सिंघार ने हनुमान जी को लेकर बड़ा बयान दिया है। सिंघार ने कहा कि भगवान राम को लंका तक पहुंचाने वाले आदिवासी थे। मैं तो कहता हूं कि हनुमान भी आदिवासी थे। गर्व से कहो कि हम आदिवासी हैं।
गंधवानी विधायक उमंग सिंघार धार जिले के बाग में जननायक भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि के मौके पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम को लंका तक पहुंचाने वाली वानर सेना नहीं थी, बल्कि भगवान श्री राम को लंका तक आदिवासियों ने पहुंचाया। वहीं हनुमान जी आदिवासी हैं। कहानीकारों ने भ्रमित करने का काम किया है।
बीजेपी वालों को गांव में मत घुसने देना
उमंग सिंघार ने कहा कि अभी कर्नाटक चुनाव बजरंगबली जीते हैं और ये (बीजेपी) हारे हैं। मैं सरकार के खिलाफ लड़ता हूं तो कहते हैं कि आदिवासी है इसे रोको। मुझे जेल में डाल नहीं पाते तो केस लादे जा रहे हैं। मैं आदिवासियों के लिए लड़ता रहूंगा। सिंघार ने कहा कि भाजपाइयों को गांव में घुसने मत देना पूरा तुम्हारा भविष्य खराब हो जाएगा।
उमंग सिंगार ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला साथ ही कई गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के लिए पैसा एक्ट तो सरकार ने लागू कर दिया, परंतु उसके कितने अधिकार ग्रामों को एवं पंचायतों को दिए। कितनी ही एफआईआर रोज दर्ज हो रही हैं, जबकि फैसला ग्राम सभाओं में होने थे। केवल कागज पर ही कानून बनाया गया है।
कांग्रेस विधायक लाडली बहन योजना को लेकर सरकार को घेरा
कांग्रेस विधायक ने लाडली बहन योजना पर भी सरकार को घेरा। सिंगार ने कहा कि सरकार के पास पैसा कहां है। न सरपंच के पास, न जिला पंचायत सदस्य पास, न विधायक के पास पैसा है। पैसा विकास यात्राओं में जा रहा है। पैसा पंचायतों, छात्रावास अधीक्षकों, टीचरों और महिला समूह से लिया जा रहा है और विकास के नाम पर कुछ नहीं हो रहा। लाडली बहना के नाम केवल चार महीने रुपया दिया जाएगा। रुपया होता तो साल भर का बजट क्यों नहीं पारित किया।